S Jaishankar Biography in hindi| एस जयशंकर का जीवन परिचय

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एस जयशंकर हमारे देश के वर्तमान विदेश मंत्री हैं। ये न केवल एक सफल विदेश मंत्री हैं बल्कि सफल ब्यूरोक्रेट भी रहे हैं। ये एक रिटायर्ड आईएफएस ऑफिसर रह चुके हैं।

एस जयशंकर चीन, अमेरिका सहित कई देशों में राजदूत के रूप में भी इन्होंने कार्य किया है। सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में भी तैनात रहे हैं। जापान में भी अपनी सफल और अहम सेवा दी है। भारत अमेरिका सिविल न्यूक्लीयर एग्रीमेंट में एक कुशल नेगोशिएटर के रूप में इन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर को आमतौर पर कम बोलने वाले इंटेलेक्चुअल व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। लेकिन आंतरिक रूप में हमारे विदेश मंत्री बहुत ही मजबूत, देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए प्रतिबद्ध, एक विनम्र और मृदुभाषी व्यक्तित्व के रूप में भी जाने जाते हैं।

अमेरिका जैसे मजबूत देशों को भी सच बोलने और उन्हें आइना दिखाने से ये जरा भी नहीं हिचकते हैं। चाहे भारत का रक्षा क्षेत्र हो या मानवाधिकार का मसला इन्होंने बार बार दुनिया के देशों को नसीहत दी और किसी भी रूप में देश की संप्रभुता और स्वायत्ता से समझौता नहीं किया। किसी विदेशी ताकत के आगे किसी दबाव में भारत को कभी झुकने नहीं दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) का जीवन परिचय

Table of Contents

नाम                        एस जयशंकर
जन्म15 जनवरी 1957
जन्म स्थाननई दिल्ली
कार्यभारत के विदेश मंत्री
सांसदराज्य सभा में गुजरात से
पूर्व पहचानआईएफएस अधिकारी, राजदूत, एडमिनिस्ट्रेटर
पिता का नामके. सुब्रह्मण्यम
माता का नामसुलोचना
पत्नी का नामक्योको जयशंकर
पुरस्कारपद्म श्री पुरस्कार 2019
आयुउम्र 67
संबद्ध राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी

विदेश मंत्री एस जयशंकर का जन्म 15 जनवरी 1957 को राजधानी दिल्ली में एक शिक्षित एवं प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम के. सुब्रह्मण्यम है जो भारतीय रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ रह चुके हैं। इनके पिता एक आईएएस अधिकारी थे। इनके पिता को ‘फॉदर ऑफ इंडियन स्ट्रेटजिक थॉट्स’ भी कहते हैं। उनकी माता का नाम सुलोचना है जो एक म्यूजिक टीचर रह चुकी हैं। इनकी पत्नी का नाम क्योको जयशंकर है जो जापान मूल की हैं। इनके तीन बच्चे हैं ध्रुव जयशंकर, अर्जुन जयशंकर और मेधा जयशंकर है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की शिक्षा (S Jaishankar Education)

विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के कैंब्रिज स्कूल से हुई थी। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में बीए की पढ़ाई की। इसके बाद इंटरनेशनल रिलेशन विषय में जेएनयू से एमफिल और पीएचडी की उपाधि हासिल की।

कॉलेज की पढ़ाई और रिसर्च के बाद इन्होंने भारतीय सिविल सेवा में आने का मन बनाया। इसके लिए इन्होंने यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू की। वर्ष 1977 में इनका चयन भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए हो गया। इस प्रकार ये भारत के विदेश सेवा के अधिकारी बन गए।

भारतीय विदेश सेवा में बतौर तेज तर्रार अधिकारी के रूप में काम करते हुए इन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां भी निभाई। सिंगापुर में बतौर उच्चायुक्त इन्होंने काम किया। चीन और अमेरिका जैसे देशों में भारत के राजदूत के रूप में भी सेवाएं दी।

S Jaishankar Family (एस जयशंकर परिवार)

विदेश मंत्री एस जयशंकर के परिवार में उनकी पत्नी क्योको जयशंकर और तीन संतान हैं। इनमें दो बेटे और एक बेटी हैं। सबसे बड़ा बेटा है जिसका नाम ध्रुव है, जो अमेरिका में काम करता है। इनकी बेटी का नाम मेधा है, जो लॉस एंजेलिस में फिल्म सिटी में काम करती हैं। इनके तीसरे बच्चे और दूसरे बेटे का नाम अर्जुन है।

पत्नीक्योको जयशंकर
पुत्रध्रुव, अर्जुन
पुत्रीमेधा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की शादी

S Jaishankar
Kyoko Jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने जीवन में दो शादी किए हैं। प्रथम जब ये जेएनयू से पढ़ाई कर रहे थे तब अपने क्लास मित्र शोभा से की थी। शोभा की मृत्यु कैंसर के कारण हो गई। इसलिए बाद में इन्होंने दूसरी शादी की। जापान मूल की महिला से अपनी दूसरी शादी की जिनका नाम क्योको है।

एस जयशंकर Wife (S Jaishankar Wife)

एस जयशंकर की पत्नी का नाम क्योको जयशंकर है। ये जापान मूल की हैं। क्योको, जयशंकर की दूसरी पत्नी हैं। इनकी पहली पत्नी का नाम शोभा था। शोभा से मुलाकात अपने कॉलेज लाइफ के दौरान जेएनयू में हुआ था। दोनों में नजदीकी बढ़ी और फिर शादी हुई। शोभा का कैंसर के कारण निधन हो गया।

एस जयशंकर 24 साल की उम्र में आईएफएस अधिकारी बने। 1996 से 2000 तक डेप्युटी चीफ ऑफ मिशन के रूप में भारत के अधिकारी के रूप में जापान में कार्यरत रहे। इस दौरान इनकी मुलाकात क्योको सोमेकावा (Kyoko Somekawa) से हुई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी और फिर दोनों ने शादी कर ली। क्योको ने शादी के बाद हिन्दू धर्म को अपना लिया। इनसे जयशंकर को तीन बच्चे हुए। ध्रुव, अर्जुन और एक बेटी मेधा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के बच्चे कितने हैं

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के तीन बच्चे हैं। इनके दो बेटे और एक बेटी हैं। सबसे बड़ा बेटा है जिसका नाम ध्रुव है। जो अमेरिका में एक थिंक टैंक के साथ काम कर रहा है।इसके बाद इनकी बेटी हुई जिसका नाम मेधा है। जो लॉस एंजेलिस में फिल्म सिटी में काम करती हैं। इनके तीसरे बच्चे और दूसरे बेटे का नाम अर्जुन है।

एस जयशंकर (S Jaishankar) लंबे समय तक रहे चीन और अमेरिका में भारत के राजदूत

विदेश मंत्री एस जयशंकर लंबे समय तक भारत के राजदूत के रूप में चीन और अमेरिका में काम किया है। इससे पहले 2001 से 2004 के बीच चेक रिपब्लिक में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। 2009 से 2013 के बीच इन्होंने चीन में भारत के राजदूत के रूप में काम किया। 2014 – 15 में इन्होंने भारत अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में काम किया। इंडो यूएस सिविल न्यूक्लीयर एग्रीमेंट के दौरान इन्होने सहमति के लिए काफी नेगोशिएशन किया और इसमें सफल भी रहे। भारत और अमेरिका के बीच देवयानी खोबरागड़े विवाद को हल करने में भी उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

एस जयशंकर (S Jaishankar) ने किया विदेश सचिव के तौर पर काम

एस जयशंकर अपनी काबिलियत के कारण हमेशा देश के लिए चहेते अधिकारी रहे। साल 2014 में मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने पर प्रधानमंत्री मोदी ने एस. जयशंकर को भारत के विदेश सचिव के तौर पर नियुक्त कर दिया। जिसके बाद उनका कार्यकाल इस पद पर 5 साल का रहा। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की विदेश नीति पर बेहतरीन काम किया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की पहली अमेरिकी दौरा को सफल बनाने में एस जयशंकर का अहम योगदान रहा। इनके काम से प्रभावित होने के बाद ही इन्हें राज्य सभा सांसद के रूप में मोदी जी ने संसद में लाया और विदेश मंत्री का कार्यभार दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर को मिला पुरस्कार

विदेश मंत्री एस जयशंकर को भारत सरकार ने देश हित में इनके बेहतरी कार्य के करने के लिए 2019 में पद्मा श्री से सम्मानित किया गया।

एस जयशंकर बने विदेश मंत्री

एस जयशंकर ने विदेश सचिव के तौर पर काफी बेहतर कार्य किए और भारत के हितों को हमेशा मजबूती से रखा। इसके परिणाम स्वरूप ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें 2019 में भारत के विदेश मंत्री के रुप में चुना गया। अगले पांच साल तक ये देश के विदेश मंत्री रहेंगे। भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि, कोई विदेश सचिव अपने बेहतरीन कार्य के कारण कैबिनेट का मंत्री चुना गया है और विदेश मंत्री बने।

एस जयशंकर एक सफल एडमिनिस्ट्रेटर साबित हुए। अनेक देशों में इन्होंने अलग अलग पद पर भारत के लिए काम किया। उच्चायोग, सचिव, राजदूत और संसद सदस्य के बाद विदेश मंत्री बनना और फिर पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया जाना इनके अदभुत और अनोखे प्रतिभा को दर्शाता है। और इस सबके पीछे एक बात और है कि दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में इनके हाइयर एजुकेशन का इन्हें इस पद तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा।

FAQ

एस जयशंकर कौन हैं?

भारत के विदेश मंत्री

विदेश मंत्री से पहले एस जयशंकर किस पद पर थे?

विदेश सचिव

एस जयशंकर कब विदेश मंत्री बने?

2019 में

किस सरकार ने एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया?

बीजेपी की मोदी सरकार ने

एस जयशंकर को पद्मश्री से कब सम्मानित किया गया?

2019 में

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